यह शारदीय उत्सव आदिम कला के रंग में रंगकर मनाया जाता था।
3.
क्या आपने कभी किसी आदिम पेन्टिंग को देखा है जिसमें फ़्रेम हो? एक बार आदिम कला के विषय पर एक सेमिनार था.
4.
गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस पर आदिम कला नाचती है राजधानी में संस्कृति महलों में करती है कैबरे उस वक़्त उसकी पालकी और हमारा जुलूस चलता है एक ही राजमार्ग से मज़ा आता है।
5.
[सं-स्त्री.] प्राकृतिक गुफाओं और शैलाश्रयों की दीवारों और छतों पर बनी अथवा उत्कीर्ण आदिम कला ; उत्तर पुरा-पाषाणकाल के आरंभ से ऐसी कला में बहुधा पशुओं, मानवों, हथियारों और आखेट के रेखाचित्र मिलते हैं।
6.
यद्यपि लोक की कलाओं के इतिहास में जाएं तो हम सदियों सदियों के अन्तराल को भी कमतर पायेंगे मानव के उद्भव से ही ये कलाएं भी सहज ही उत्पन्न हो गयी होंगी, क्योंकि आदिम कला का इतिहास आज भी जिस रूप में हमारे सम्मुख है उसका स्वरूप किसी भी तरह बदला नहीं है और यही कारण है कि लोक कलाएं भी अपने स्वरूप को बदल नहीं पाती हैं जैसे ही इनका स्वरूप बदलता है वैसे ही इनकी पहचान समाप्त होने लगती है।